Electric Vehicles in India | विद्युत गाड़ियों का भारत में भविष्य कैसा होगा - 2023

दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल है Electric Vehicles in Hindi या फिर हम कह सकते हैं Electric vehicle future in India और world है। EV /Electronic Vehicle /Electrical Vehicle /Electric Motorcycle /Electric Car in Hindi 



Electric Vehicles in Hindi | Electric vehicle future in India



Why Electric Vehicles ?


कारण -1 :

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं की हम इस धरती मैं रह रहें हैं जहाँ पर सिमित संसाधन हैं जिनमे से पेट्रोल Petrol और डीजल  भी ऊर्जा का एक लिमिटेड सोर्स है जिनकी मांग बहुत अधिक है और सप्लाई सिमित है।  अतः इस प्रकार इनकी कीमत लगातार बढ़ती जाती है तो पहला कारण तो दोस्तों बहुत पुराना है। 


कारण -2 :

दूसरा कारण प्रदुषण है क्यों की फॉसिल फूल्स जलते हैं जिससे ऊर्जा मिलती है तब जाके कोई इंजन या मोटर ऑपरेट हो सकती है। लेकिन इनसे जो धुवां निकलता है इस प्रदुषण ने भारत को दुनिया का सबसे प्रदूषित देश बना दिया है। 


कारण -3 :

तीसरा कारण ये तेल विदेशों से भारत मैं आयात (Import) करना पड़ता है। लगभग 330 बिलियन डॉलर का तेल आयत किया जाता है लगभग 84% तेल बहार से आ रहा है। 


कारण -4 :

चौथा कारण सरकार भी लोगों को Electric vehicle मैं जाने के लिए प्रेरित करती नज़र आ रही है। जैसे हमारे वर्तमान परिवहन मंत्री जी ने अपने भाषण मैं बहुत बड़ी बात कही है की- 2030 तक सभी पुरानी गाड़ियों को ख़त्म करके देश मैं केवल Electric vehicle (इलेक्ट्रिक व्हीकल) चलेंगे। इसलिए Electric vehicle पर टैक्स को 28% से 5% कर दिया है। 


Electric vehicle क्यों जरूरी है ? 


Electric Vehicles in Hindi | Electric vehicle future in India



Electric Vehicle के लिए चुनौतियां 

 

कीमत (कॉस्ट):

Electric vehicle कि कॉस्ट देखा जाए तो  Two wheeler और Three wheeler के लिए संतुलित है लेकिन Four wheeler या उससे अधिक के लिए यह लागत बहुत अधिक है। Tesla के मैन्युफैक्चर्ड Electric car जिसकी कीमत  30 -40 लाख तक है वही भारत मैं एक Petrol car 6-7 लाख तक मिल जाती है।

माइलेज :

अभी तक Tesla के स्टेटमेंट के आधार पर Electric vehicle car के फुल चार्ज मैं 300 किमी माइलेज मिलता है। लेकिन वहीं किसी Petrol car को फुल(40लीटर लगभग) किया जाए तो हम औसतन 600 किमी तक जा सकते हैं।
तो यह एक बड़ी चुनौती है।  

चार्जिंग फिसिबिलिटी:

यदि हम भारत की बात करें तो लगभग 70000 फिलिंग स्टेशन (Petrol-Diesel) मौजूद हैं। कह सकते हैं प्रत्येक 5-10 किमी मैं हमको एक Petrol Pump या Diesel Pump मिल जाएगा। 
वही किसी Electric vehicle जिसमे माइलेज कम होता है लेकिन अभी कुल 1640 सार्वजनिक Electric vehicle charger हैं मौजूद हैं। और इन सभी charger मैं से - दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, पुणे, अहमदाबाद,  और चेन्नई - में लगभग 940 स्टेशन हैं। 


टेक्नोलॉजी की कमी (Technology):

भारत मैं टेक्नोलॉजी की भी कमी है। यदि हम Electric vehicle मैं भविष्य चाहते हैं तो हमको electrical/electronics क्षेत्र मैं भी आगे जाना होगा हमे अच्छी बैटरीज (Lithium-Batteries) प्रोडूस करनी होंगी जैसा की हम जानते हैं electrical/electronics आइटम के लिए हम बहुत हद तक चीन पर निर्भर हैं। वो सब हमे स्वयं प्रोडूस करना होगा और Electric vehicle के क्षेत्र आत्मनिर्भर बनना होगा।



Top Electric Vehicle Company 


अभी Tata motors भारत मैं Electric vehicles बनाने मैं टॉप पर है। ऐसे ही और कंपनी को भी प्रतिस्पर्धा लानी होगी। Electric vehicles के  Production मैं अमेरिका, चीन अभी पहले स्थान पर हैं। इंडिविजुअल किसी Organization की बात करें तो Tesla(टेस्ला) पहली है।



TATA MotorsTATA Nexon EVs  & TATA Tigor EVs 

HyundaiHyundai Kona

Hero ElectricHero Eddy, Photon HX, Optima LX, NYX HX, Flash LX & Atria LX.

Ather Electric- Ather 450X & Ather 450 Plus

Ola Electric- OLA S1  &  OLA S1 Pro 

Mahindra Electric- Mahindra eVerito, Mahindra eSupro, Mahindra e2o plus, Mahindra Treo.


Comments

  1. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) का विषय तेजी से प्रासंगिक हो गया है क्योंकि दुनिया ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की तत्काल आवश्यकता का सामना कर रही है। EV अपनाने की चर्चा में एक क्षेत्र जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है, वह है EV अपनाने को बढ़ावा देने में सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों की भूमिका। इस अतिथि पोस्ट में, हम भारत में ईवी से संबंधित सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों की वर्तमान स्थिति और ईवी अपनाने पर उनके प्रभाव का पता लगाएंगे।

    भारत सरकार विभिन्न नीतियों और प्रोत्साहनों के माध्यम से ईवीएस को अपनाने को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) को 2013 में देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था। यह योजना 2020 तक 5-6 मिलियन इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की तैनाती का लक्ष्य रखती है, और इस लक्ष्य को राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन, अनुसंधान और विकास, और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास के संयोजन के माध्यम से प्राप्त करना है। सरकार ने ईवी निर्माताओं और खरीदारों के लिए विभिन्न प्रोत्साहन भी पेश किए हैं, जिसमें ईवी निर्माताओं के लिए सब्सिडी, ईवी खरीदारों के लिए कर में छूट और ईवी मालिकों के लिए पंजीकरण शुल्क कम करना शामिल है।

    सरकार की पहल और नीतियों का भारत में ईवी बाजार के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। NEMMP ने देश में उपलब्ध EV निर्माताओं और मॉडलों की संख्या में वृद्धि की है, और निर्माताओं और खरीदारों के लिए प्रोत्साहन ने EV को उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बनाने में मदद की है। हालांकि, भारत में ईवी को व्यापक रूप से अपनाने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक बड़ी बाधा बनी हुई है। "नेशनल ई-मोबिलिटी प्रोग्राम" जैसे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तैनाती बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का अभी तक बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है।

    अंत में, ईवी अपनाने को बढ़ावा देने में सरकारी नीतियां और प्रोत्साहन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत सरकार की पहल और नीतियों का भारत में ईवी बाजार के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, लेकिन चार्जिंग बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने के लिए और अधिक किए जाने की आवश्यकता है। ईवी अपनाने को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तैनाती बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही ईवी निर्माताओं और खरीदारों के लिए प्रोत्साहन की पेशकश जारी रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, सरकार को देश भर में चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र के निवेश को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।

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  2. e-vehicle gyan Thank you so much for information

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