दोस्तो आज हम जिस विषय पर बात करने वाले हैं वो है विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) जो की बहुत ही रुचिकर विषय है। आज इस आर्टिकल में हम जान लेंगे की विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) दो अलग अलग विषय जरूर हैं पर इन दोनो का आपस में बहुत ज्यादा रिलेशन है।
Electricity and Magnetism का महत्व
पुराने दिनों में विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) को अलग-अलग विषय समझा जाता रहा। और उस समय तक इलेक्ट्रिसिटी का जनरेशन सिर्फ और सिर्फ बैटरीज के द्वारा ही किया जाता था। लेकिन बैटरीज से हम कितनी इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न कर सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा 10 घरों में इलेस्ट्रिसिटी पहुचा सकते हैं, या फिर 1000 घरों में इलेक्ट्रिसिटी पहुचा सकते हैं। पर एक पूरे देश को इलेक्ट्रिसिटी देने के लिए कितनी बैटरीज की जरूरत होगी ये हम सब जानते हैं।
अतः इस पूरी समस्या को विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) के कांसेप्ट ने दूर किया। विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) से ही इलेक्ट्रोमैग्नीतिक इंडक्शन के बारे में पता लगा था। और इन सब प्रतिक्रियाओं को देखने के बाद ही पहली बार इलेक्ट्रिक जनरेटर को बनाया गया जो की फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन की सिद्धांत पर कार्य करता था।
|
फैराडे द्वारा पहला होमोपोलर डिस्क जनरेटर साभार-विकिपीडिया |
और आज बड़े बड़े विद्युत जनरेटर/अल्टरनेटर के द्वारा बड़े स्केल पर इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन किया जाता है। जो कि बैटरीज से हो पाना मुश्किल और कॉस्टली था। तो आइये जानते हैं क्या है। विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) का सम्बन्ध और कैसे इस सम्बन्ध से इलेक्ट्रिसिटी का जन्म हुआ।
Electricity और magnetism का इतिहास
डेनिश वैज्ञानिक ओर्स्टेड ने सन 1820 मैं देखा की जब किसी कंंडक्टर में धारा प्रवाहित होती है तब उसके पास कंपास सुई ले जाने से सुई में हलचल होने लगती है। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी। बाद मेें इसका समर्थन एम्पियर और फैराडे ने भी किया था। और कहा था की मूविंग चार्जेज(धारा) में चुम्बकत्व के गुण है और इसके विपरीत चुम्बक को मूव करने से इलेक्ट्रिसिटी को उत्पन्न किया जा सकता है। 1830 के आसपास फैराडे ने इंग्लैंड मै और हेनरी ने अमेरिका मैैं एक प्रयोग किया जिसमें उन्हें मूविंग मैगनेट के द्वारा इलेक्ट्रिक करंट का जनरेशन किया था।
|
Coil-A को मूव करने से Coil-B में प्रेरित विद्युत धारा |
इस क्रिया को ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन कहा जाता है। जिसकी वजह से आधुनिक जनरेटर और ट्रांसफार्मर जैसे महत्वपूर्ण मशीनें सम्भव हो सकी थी।
|
मैक्सवेल का coil-1 के मैग्नेटिक फ्लक्स द्वारा coil-2 में प्रेरित विद्युत धारा |
Electricity and Magnetism के एक दूसरे पर परस्पर निर्भरता को मैक्सवेल और लौरेंज ने एक लेेेख के जरिये प्रस्तुत किया था और इसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिसम (Electromagnetism) कहा। हम सबको ये सब जानके भी हैरानी होगी की प्रकृति में लगभग जो बल मौजूद हैं वो सभी बल इलेक्ट्रोमैग्नेटिसम (Electricity and Magnetism) के सिद्धांत पर ही हैं। चाहे वो घर्षण बल हो, परमाणु के बीच रासायनिक बल हो, या फिर हमारी या किसी भी जीव की बॉडी के अंदर सेल में मौजूद बल हो वो सभी इलेक्ट्रोमैग्नेटिसम (Electricity and Magnetism) का ही अनुसरण करते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं इलेक्ट्रोमैग्नेटिसम (Electricity and Magnetism) प्रकृति का एक मौलिक (फंडामेंटल) बल हैं।
मैक्सवेल ने Electricity and Magnetism के जो भी समीकरण प्रस्तुत किये उनका इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बहुत बढ़ा योगदान है। ये सिद्धान्त न्यूटन के भौतिकी में गति के नियम और गुरुत्वाकर्षण बल के नियम से जरा भी कम नही हैं।
मैक्सवेल ने ही पहली बार सूर्य के प्रकाश के ब्यवहार को इलेक्ट्रोमैग्नेटिसम (Electricity and Magnetism) कहा था। और बताया था की यदि हम इलेक्ट्रिसिटी और चुम्बकत्व का सही मापन कर लें तो प्रकाश की गति को भी माप सकते हैं।
आज की आधुनिक तकनीकी सभ्यता को बनाने में Electricity and Magnetism का बहुत बड़ा हाथ है। टेलीकम्यूनिकेशन (मोबाइल, टेलीफोन) के द्वारा बात करना, रेडियो कम्युनिकेशन, दूर बने ट्रांसमीटर से टेलीविज़न पर सब कुछ का प्रसारण, पृथ्वी से बाहर भेजे सैटेलाइट की जानकारियां लेना और दैनिक जीवन में काम आने वाले उपकरण भी Electricity and Magnetism के सिद्धांत पर ही काम करते हैं।
आशा करते हैं दोस्तो आप विद्युत और चम्बकत्व (Electricity and Magnetism) के बारे में दी गयी जानकारी से सहमत होंगे यदि आपके इस आर्टीकल से सम्बंधित कोई सुझाव हैं तो आप कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं। धन्यवाद।
Comments
Post a Comment