What is Soldering process | PCB soldering | Wire soldering

What is Soldering | सोल्डरिंग है क्या ?


सोल्डरिंग (Soldering) एक जोड़ने की प्रक्रिया (Joining Process) है जिसमें दो या उससे अधिक धातु के टुकड़ों को एक फिलर मेटल (Solder) की मदद से आपस में जोड़ा जाता है।


सोल्डर (Solder): 

यह एक मिश्रधातु (Alloy) होती है, जो आमतौर पर टिन (Tin) और सीसा (Lead) या Lead-free मिश्रधातु से बनी होती है। इसका गलनांक (Melting Point) कम होता है, लगभग 180°C से 250°C तक। जब सोल्डर को गर्म किया जाता है तो यह पिघलकर जॉइंट की सतह पर फैल जाता है और ठंडा होने पर धातुओं को मज़बूती से जोड़ देता है।

उपकरण: इसके लिए सोल्डरिंग आयरन (Soldering Iron) या सोल्डरिंग स्टेशन का उपयोग होता है।

सोल्डरिंग प्रक्रिया का प्रयोग: 
  • इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में तारों और कंपोनेंट्स को PCB से जोड़ने के लिए।
  • इलेक्ट्रिकल वायरिंग को जोड़ने में।
  • धातु की हल्की मरम्मत या जोड़ बनाने में।

इसलिए सोल्डरिंग एक तरीका है जिससे तार, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स या धातु को पिघले हुए सोल्डर की मदद से स्थायी रूप से जोड़ा जाता है।


सोल्डरिंग के प्रकार:

सोल्डरिंग के कई प्रकार होते हैं। इन्हें तापमान और उपयोग के आधार पर अलग–अलग वर्गीकृत किया जाता है।

सोल्डरिंग के प्रमुख प्रकार (Types of Soldering in Hindi)

सॉफ्ट सोल्डरिंग (Soft Soldering) 
  • खासियत: यह सबसे आम और आसान सोल्डरिंग है।
  • उपयोग: इलेक्ट्रॉनिक्स, छोटे वायर और PCB में
  • सोल्डर: टिन (Sn) और सीसा (Pb) या Lead-free मिश्रधातु
  • तापमान: लगभग 180°C – 250°C
हार्ड सोल्डरिंग (Hard Soldering)
  • तापमान: 450°C से ज्यादा
  • सोल्डर: कॉपर (Copper), सिल्वर (Silver) बेस्ड मिश्रधातु
  • उपयोग: धातु के मज़बूत जोड़ बनाने में
  • खासियत: इसमें फ्लेम (Torch) या गैस बर्नर से गर्मी दी जाती है।
ब्राज़िंग (Brazing)
  • तापमान: लगभग 450°C से ऊपर (600–900°C तक)
  • सोल्डर: ब्रॉन्ज़ (Bronze), ब्रास (Brass) या अन्य उच्च तापमान मिश्रधातु
  • उपयोग: पाइप फिटिंग, मशीन पार्ट्स, ऑटोमोबाइल में
  • खासियत: यह हार्ड सोल्डरिंग से भी ज्यादा मजबूत जोड़ बनाता है।
इसलिए सोल्डरिंग एक तकनीक है जिसमें हम गर्मी और सोल्डर धातु की मदद से दो धातुओं को जोड़ते हैं, बिना मुख्य धातु को पिघलाए।


नीचे दिए गए पॉइंट्स और फोटो पर ध्यान दें। 

Soft Soldering → इलेक्ट्रॉनिक्स और छोटे कामों के लिए
Hard Soldering → धातु जोड़ने के लिए
Brazing → सबसे मज़बूत जोड़, मैकेनिकल और इंडस्ट्रियल कामों में

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सोल्डर वायर (Solder Wire) की संरचना (Composition):


सोल्डर वायर (Solder Wire) की संरचना (Composition) मुख्य रूप से टिन (Sn) और सीसा (Pb) या अन्य मिश्रधातुओं से बनी होती है। इसमें फ्लक्स (Flux) भी भरा होता है जो जॉइंट को साफ़ करता है और सोल्डर को अच्छे से फैलने में मदद करता है।

 सोल्डर वायर की संरचना (Composition of Solder Wire)

1. लीडेड सोल्डर वायर (Leaded Solder Wire) Sn-Pb Alloy (टिन-सीसा मिश्रधातु)

सामान्य अनुपात: 60% टिन (Sn) + 40% सीसा (Pb) → (Sn60/Pb40)
या 63% टिन + 37% सीसा (Sn63/Pb37) → जिसे Eutectic solder कहते हैं (यह सबसे आसानी से पिघलता है)।
गलनांक (Melting Point): ~183°C


2. लीड-फ्री सोल्डर वायर (Lead-Free Solder Wire)

स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखकर Pb (सीसा) का प्रयोग कम किया गया है।
इसमें मुख्य रूप से: टिन (Sn), कॉपर (Cu), सिल्वर (Ag) का मिश्रण होता है।

सामान्य अनुपात: Sn96.5 / Ag3.0 / Cu0.5
गलनांक: ~217°C – 221°C

3. फ्लक्स कोर (Flux Core)

सोल्डर वायर के बीच में फ्लक्स भरा होता है। फ्लक्स का काम धातु की सतह से ऑक्साइड हटाना, सोल्डर को अच्छी तरह फैलाना और मजबूत जॉइंट बनाना है।

प्रकार: Rosin flux, No-clean flux, Water-soluble flux


निष्कर्ष:
सोल्डर वायर = धातु मिश्रधातु (Sn-Pb या Sn-Ag-Cu) + फ्लक्स कोर.

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