Power Factor / पावर फैक्टर को आपने Electrical Engineering मैं पड़ा और सुना होगा। किसी भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम की सबसे बड़ी चुनौती उत्पादित पावर(Generating side) को कम से कम लॉस के साथ उपभोक्ता(Distribution side) तक पहुचाना होता है। अतः इलेक्ट्रिकल पावर की दृष्टि से इसमें Power Factor का बहुत बड़ा रोल है। तो आइये दोस्तों देखते हैं What is power factor in Hindi / Power Factor in Hindi.
दोस्तो इस Topic को सभी रट्टा मारने की सोचते हैं और अक्सर exam के समय भूल जाते हैं। तो आज हम जान लेंगे Power factor Kya Hai और इसका इलेक्ट्रिकल सिस्टम में क्या रोल है। ताकि यदि आपसे किसी भी साक्षात्कार में पूछा जाए तो आप सही उत्तर बता पाए।
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Power factor definition in Hindi
इलेक्ट्रिकल पावर का बराबर वितरण न होने से इलेक्ट्रिकल सिस्टम असन्तुलित हो जाता है जिससे वोल्टेज और करंट के बीच में फेज डिफरेंस(एंगल या कोण) बड़ जाता है। इस एंगल की कोज्या(cos) को ही Power factor कहते हैं। जिसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में CosΘ से दर्शाया जााता है।
सिंगल फेज और थ्री फेज AC पावर :
P = V x I CosΘ
ऊपर सूत्रों में उपभोक्ता तक अधिकतम पावर(Pmax) तभी ट्रांसफर होगी जब CosΘ का मांन 1 या 1 के आसपास होगा।
यूनिटी पावर फैक्टर:
हम जानते हैं CosΘ में 0° पर ही सबसे ज्यादा वैल्यू (Cos0°=1) होती है। जैसे जैसे ये एंगल बढ़ते जाता है वैसे ही CosΘ का मान भी घटता जाता है। अतः इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स को इस Power factor को Unity बनाये रखना पड़ता है। CosΘ को यूनिटी बनाये रखने के लिये हमेेशा लोड वितरण बराबर करना पड़ता है। पर ये सम्भव नही है किसी एरिया में Power की खपत ज्यादा हो सकती है। और किसी एरिया में Power खपत कम हो सकती है। इसी असन्तुलन से वोल्टेज और करंट के बीच एंगल बड़ जाता है। और शक्ति की हानि होती है। अतः इस स्थिति में power factor को लोड वितरण के अलावा और दूसरे तरीकों से इम्प्रूव किया जाता है।
दोस्तो Power factor सिर्फ AC power system मैं होता है । क्यों की DC current मैं Phase difference 0 होता है। और दूसरे शब्दों मैं कहे तो DC current मैं frequency 0 होती है।
दोस्तो Power factor को आसानी से समझने के लिए पहले हम Power triangle के द्वारा Real power, Reactive power और Apparent power को समझते हैं।
Real power in Hindi (वास्तविक शक्ति)
Electrical power system मैं जो Power वास्तव मैं consume या खर्च होती है उसे Active power,True power, Usefull power कहते हैं जिसको Watt (W) मैं दिखाया जाता है।
इस Condition मैं Load, पूर्ण रूप से Resistive होता है। अर्थात Voltage और current के बीच phase difference शून्य (zero) होता है।
Real power(P) = V I cos0° = VI Watt
Reactive power in Hindi (प्रतिक्रियाशील शक्ति)
Electrical power system मैं जो Power, Load मैं store हो जाती है और Source की तरफ वापस flow होती है उसे Reactive power कहते हैं जो की +ve या -ve हो सकती है। ये Power एक तरीके से wastage Power है जो reverse मैं भी flow करता है।
अगर Load Inductive है इस Condition मैं Current, Voltage से 90° पीछे चलती है। और Load capacitive है तो Current, Voltage से 90° आगे रहती है।
Reactive power (S) = VISin90° = VI= VIr(Volt-ampere reactive)
Apparent power in Hindi (आभाषी शक्ति)
Consumable power और wastage power के Total योग को Apparent power कहते हैं जो की पूरे Circuit मैं Forward-Reverse flow करती है।
Apparent power (Q) = VI Volt-ampere
दोस्तो इस Beer भरे हुए ग्लास मैं आप स्पष्ट तरीके से समझ जायेंगे की इन तीनो पॉवर का क्या सम्बन्ध है। असल मैं जो हमारे घरों मैं बिजली का बिल आता है वो Total power यानी Apparent power का आता है।
Power Triangle
दोस्तो Electrical power के concept को समझने के बाद अब हम आसानी से समझ सकते हैं की Power factor क्या है। दोस्तो नीचे एक picture है जिसे Power triangle कहते हैं। इस triangle मैं तीनों power के बीच के सम्बन्ध को दिखाया गया है।
अतः किसी भी electrical circuit द्वारा consume power (Real power) और उस पूरे Circuit मैं flow होने वाली power (Apparent power) के अनुपात या Ratio को Power factor कहते हैं।
दोस्तो Triangle से
CosΘ = Base/ Hypotenuse
CosΘ = Real power / Apparent power
= KW / KVA
इसी CosΘ को Power factor कहते हैं जो की Unit less होता है।
Power Factor is equal to CosΘ.
CosΘ का मान कितना होना चाहिए
इसकी value -1 से +1 के बीच होती है। अगर value +1 है तो Power maximum होगी। Power factor -ve भी होता है जब Load (Inductive, Capacitive) हो और Power को reverse flow कर रहा हो। दोस्तो Electrical power system मैं अगर CosΘ की value (<1) कम है तो Load high current gain कर रहा होगा और इसके विपरीत जब CosΘ की value (=>1) ज्यादा है तो Load low current लेगा। इसलिए दोस्तो Good stability के लिए CosΘ का मान ज्यादा ही रहना चाहिए।
CosΘ के मान में सुधार
दोस्तो अगर power factor की value maximum है तो इससे Electrical system की दक्षता मैं सुधार होता है। CosΘ के मान को बढाने के लिए V और I के बीच Phase difference या कोण जितना कम होगा CosΘ उतना ही ज्यादा होगा क्योंकि
Cos0°= 1
Cos90°= 0
कुछ Load जैसे- Induction motor मैं Capacitors और inductors के passive networks (Bank) लगाए जाते हैं। इसे अलावा नीचे दो तरीके और भी दिए हैं जिनसे Power factor को improve किया जा सकता है।
- Capacitor bank
- Synchronous condense
- Phase Exciter
आशा करते हैं दोस्तो Power factor / पावर फैक्टर क्या है. की जानकारी से आप सहमत होंगे यदि इस पोस्ट मैं कोई गलती या सुधार करना हो तो आप नीचे comment box मैं बता सकते हैं।
धन्यवाद।
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