दोस्तो आज का टॉपिक "उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर कैसे घूमता है हिंदी में|How satellite rotates around the Earth in Hindi" है। ऐसे टॉपिक हमारे सौर मंडल के लीये हमारी सोच का दायरा और बढ़ाते हैं और हमको इनसे बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। तो आइये देखते हैं आसान हिंदी भाषा में कि इसमे क्या विज्ञान है।
भौतिक सिद्धांत व पृथ्वी की बनावट:
दोस्तो आप जानते ही होंगे हमारी पृथ्वी Flat न होकर करीब-करीब गोल है और प्रत्येक 1km के बाद ये 8cm का Curved लेती है। अर्थात दो समान ऊँचाई के व्यक्ति 1Km की दूरी पर खड़े हैं तो उनकी क्षैतिज ऊंचाई का अंतर 8cm होगा। अतः अगर किसी प्रक्षेपण यंत्र से हम किसी पिंड को अधिक ऊर्जा के साथ फेके तो वह पिण्ड पृथ्वी के चक्कर ही लगाता रहेगा। (इसकी कल्पना सर्वप्रथम आईजक न्यूटन द्वारा दी गयी) दोस्तो आओ से विस्तार से समझते हैं।
Satellite (उपग्रह):
दोस्तो अंतरिक्ष मैं जो पिण्ड (चाँद, गृह या कोई मशीन) जब किसी अपने से बड़े पिण्ड के एक निश्चित कक्षा मैं चक्कर लगाता है तो उसे विज्ञान की भाषा मैं उपग्रह कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं
- Natural
- Artificial/Man made
दोस्तो जैसे हमारी पृथ्वी, सूर्य के एक निश्चित कक्षा मैं चक्कर लगाती है और चंद्रमा भी पृथ्वी के एक निश्चित कक्षा मैं चक्कर लगाता है अतः ये दोनो प्राकृतिक (Natural) उपग्रह हैं।
वैसे ही जो मानव (जैसे NASA और ISRO) द्वारा भेजे जाते हैं उनको मानव निर्मित (Man made) उपग्रह कहते हैं।
अभी तक 40 देशों के द्वारा लगभग 8,900 Satellites अंतरिक्ष मैं प्रक्षेपित की जा चुकी हैं। जिनमे से करीब 5000 अभी भी घूम रहे हैं। (Source Wikipedia)
दोस्तो Satellite के बारे मैं और पूर्ण जानकारी के लिए मैं दूसरा पोस्ट Publish करूँगा अभी हम हमारे मुख्य सवाल पे आते हैं।
Satellite पृथ्वी के चारों ओर कैसे घूमता है
दोस्तो Satellite को एक बड़े Force से पृथ्वी की कक्षा मैं फेका जाता है जिनको पृथ्वी से अलग- अलग दूरी पर स्थित(Park) किया जाता है इन कक्षाओं को हम 3 भागो मैं बाँट सकते हैं।
- Low Earth orbit ( 160-1600Km )
- Medium Earth orbit (10000-2000Km )
- Geostationary Earth orbit (Above 35000Km)
अपकेंद्रिय बल(Centrifugal force):
यदि हम किसी रस्सी से बधे हुए पत्थर को चारो तरफ घुमाये तो उस पत्थर पर बाहर की ओर एक बल लगता है और यही बल Satellite पर Earth के चारों ओर घूमने मैं भी लगता है। इस बाहर की ओर लगने वाले बल को Centrifugal force कहते हैं।
अभिकेंद्रिय बल(Centripetal force):
दोस्तो रस्सी से बधे पत्थर पर एक बल और लगता है जो की पहले बल के विपरीत और एकसमान होता है जिसे हम Centripetal force कहते हैं। Satellite पर जो बल भीतर की ओर लग रहा है वो Earth का गुरुत्वाकर्षण बल ही है।
दोस्तो इस तरह आप देख सकते हैं Satellite एक समान और विपरीत बलों(Forces) के कारण एक ही कक्षा मैं घूमता रहता है ना वो कभी दूर जाता है ना ही पास आता है। (गति को नियंत्रित करके Satellite
को दूर भी भेजा जा सकता है। )
कुछ विशेष जानकारी
दोस्तो Satellite को घुमाने के लिए इतनी ऊर्जा कहा से आती है। क्या घुमाने के लिए उसमे कोई जनरेटर या बड़ी बैटरी लगी होती है??
तो आप को बता दे Satellite, Earth के Atmosphere से बाहर एक निश्चित गति से फेका जाता है। और उस जगह पर निर्वात/Space (अर्थात कोई वायुमंडल नहीं) होता है। जिससे Satellite एक Constant गति से लगातार चक्कर लगता है क्यों की पथ पर कोई अवरोधक नही होता है इसे Free move कह सकते हैं।
आशा करते हैं दोस्तो उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर कैसे घूमता है | How satellite rotates around the Earth की जानकारी से आप सहमत होंगे इसके अलावा भी और कारण हो सकते हैं जिसे आप नीचे comment box मैं बता सकते हैं।
धन्यवाद।
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