उत्तराखंड ऐतिहासिक काल खंड – कुमाऊं चंद वंश
Single Liner- भाग-1
Uttarakhand GK Questions in Hindi
1 . चंद वंश की शुरुवात कौन सी जगह और किसके द्वारा मानी जाती है। - राजबुंगा किला चम्पावत- सोमचन्द
2. चंद वंश के इतिहासिक श्रोत कहाँ- कहाँ से मिलते हैं।-
a. बालेश्वर मंदिर में- क्राचल देव का लेख
b. गोपेश्वर का त्रिसूल लेख
c. बास्ते का ताम्रपत्र (पिथौरागढ़)
3. डोटी नरेश अशोक चल का आधिपत्य 1191 ई. में उत्तराखण्ड में था किस अभिलेख से ज्ञात होता है। - गोपेश्वर त्रिसूल लेख
4. चंदो की प्राम्भिक राजधानी कहाँ थी। - चम्पावती नदी चम्पावत
5. वह पहला चंद शाशक जो फिरोजशाह शाह तुगलक के दिल्ली दरबार में गया था। - गरुड़ ज्ञान चंद
Note-
a. फिरोजशाह ने ही ज्ञान चंद को गरूड़ की उपाधि प्रदान कि और तराई का क्षेत्र दिया
b. गरुड़ ज्ञान चंद को राजाधिराज महाराज और सेरा का विजेता भी कहा गया है।
c. चंद शाशन में सबसे लंबा कार्यकाल (55वर्ष) ज्ञान चंद का था।
d. नीलू कठायत, ज्ञान चंद का सेनापति था।
6. तराई भाभर में ज्ञान चंद के समय किनका शाशन था। - कटेहरियों का
7. गोबासा ताम्रपत्र किससे सम्बन्धित है। - ज्ञान चंद
8. भारती चंद इस वंश का सबसे पराक्रमी राजा हुआ जिस के पवांडे. कुमाऊं इतिहास में प्रसिद्ध हैं। ये पवांडे. किससे समन्धित हैं। - भारती चंद और वीरांगना भागाधुंयाँ के ध्वन्ध युद्ध से।
9. भारती चंद ने डोटियों की दासता से छुटकारा पाने की लिए डोटी राज्य पर हमला किया और 1451-52ई. में विजयी मिली - सोर(पिथौरागढ़), सीरा(डीडीहाट), और थल पर कब्जा किया
10. पहला चंद शाशक जिसने भूमि बंदोबस्त का कार्य करवाया था और भूमि बंदोबस्त अधिकारी भी नियुक्त किया था। - रत्न चंद
Comments
Post a Comment